0%

महालक्ष्मी व्रत कथा और पूजा विधि | Mahalaxmi Vrat Katha in Hindi

हिंदू धर्म में हर पर्व और व्रत का अपना विशेष महत्व होता है। इन्हीं पावन व्रतों में से एक है महालक्ष्मी व्रत, जिसे विशेष रूप से 16 दिनों तक विधिपूर्वक किया जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से घर में सुख-समृद्धि, धन-धान्य और मां लक्ष्मी का स्थायी वास होता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्टमी से लेकर कृष्ण पक्ष की अष्टमी तक यह व्रत रखा जाता है। इसे हाथी अष्टमी भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन हाथी पर सवार माता लक्ष्मी की पूजा विशेष रूप से की जाती है।

महालक्ष्मी व्रत का महत्व

यह व्रत पितृपक्ष के दौरान पड़ता है और इसलिए इसे और भी खास माना जाता है। सनातन धर्म के अनुसार, महालक्ष्मी व्रत करने से दरिद्रता दूर होती है और परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है


महालक्ष्मी व्रत कथा और पूजा विधि | Mahalaxmi Vrat Katha in Hindi

महालक्ष्मी व्रत कथा (Mahalaxmi Vrat Katha)

प्राचीन समय की बात है, एक गांव में एक निर्धन ब्राह्मण रहता था। वह भगवान विष्णु का परम भक्त था और प्रतिदिन श्रद्धा भाव से उनकी पूजा करता था। उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उसे दर्शन दिए और वर मांगने को कहा।

ब्राह्मण ने प्रार्थना की कि मां लक्ष्मी उसके घर निवास करें। तब भगवान विष्णु ने बताया कि प्रतिदिन मंदिर के सामने एक स्त्री उपले थापने आती है, वही स्वयं लक्ष्मी जी हैं। तुम उनसे अपने घर आने का निवेदन करो।

ब्राह्मण ने वैसा ही किया। जब लक्ष्मी जी मंदिर के सामने आईं तो ब्राह्मण ने उनसे आग्रह किया कि वे उसके घर आएं। लक्ष्मी जी ने कहा – “यदि तुम पूरे 16 दिन महालक्ष्मी व्रत करोगे और अंतिम दिन चंद्रमा को अर्घ्य दोगे, तभी तुम्हारी मनोकामनाएँ पूर्ण होंगी।”

ब्राह्मण ने पूरे श्रद्धा और नियम से 16 दिन तक यह व्रत किया। 16वें दिन उसने चंद्रमा को अर्घ्य दिया और मनोकामना मांगी। व्रत की शक्ति से मां लक्ष्मी ने उसकी इच्छा पूरी की और उसका घर धन-धान्य से भर गया।


महालक्ष्मी व्रत की पूजा विधि (Mahalaxmi Vrat Puja Vidhi)

  1. प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. मां लक्ष्मी का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।
  3. घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर मां लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  4. प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं और रोली, हल्दी, चंदन, केसर से तिलक करें।
  5. माता को पुष्प, मिष्ठान्न, फल, नारियल, पान-सुपारी, इलायची व लौंग अर्पित करें।
  6. दीपक और धूप जलाकर विधिवत आरती करें।
  7. प्रसाद को घर के सभी सदस्यों और भक्तजनों में वितरित करें।

निष्कर्ष
महालक्ष्मी व्रत करने से मां लक्ष्मी की कृपा से घर-परिवार में सुख-समृद्धि, धन, वैभव और सौभाग्य का वास होता है। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए शुभ माना जाता है जो आर्थिक कठिनाइयों से जूझ रहे हों

Gosai Das Joshi – Digital Marketing Expert, Web & Graphic Designer, and Computer Instructor. Helping businesses grow online through SEO, Ads, and custom website design.

Share this content:

Leave a Comment