Navratri ka Aaj Kaun Sa Din Hai
प्रस्तावना
भारत में नवरात्रि का पर्व शक्ति की उपासना का सबसे बड़ा उत्सव माना जाता है। साल 2025 की शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri 2025) में नौ दिनों तक माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। हर दिन का महत्व अलग होता है और हर तिथि पर मां का एक विशेष रूप पूजे जाते हैं। ऐसे में सबसे अधिक लोग सर्च करते हैं — “Navratri ka Aaj Kaun Sa Din Hai”।
आज यानी 1 अक्टूबर 2025 को शारदीय नवरात्रि का कौन सा दिन है? क्या आज नवमी (Navami Tithi) है या दशमी (Dashami Tithi)? आज किस देवी की पूजा होती है? इस आर्टिकल में आपको सभी सवालों के जवाब विस्तार से मिलेंगे।

आज कौन सा दिन है? (Navratri ka Aaj Kaun Sa Din Hai)
पंचांग के अनुसार 1 अक्टूबर 2025, बुधवार को नवरात्रि की नवमी तिथि (Maha Navami) पड़ रही है।
- नवमी तिथि शाम लगभग 7:10 बजे तक रहेगी।
- इसके बाद दशमी तिथि (Vijaya Dashami या Dussehra) प्रारंभ हो जाएगी।
इसलिए आज दिनभर तक भक्तजन नवमी की पूजा करेंगे और माता के नवें स्वरूप की आराधना करेंगे।
👉 यानी आज का उत्तर है: Navratri ka Aaj Kaun Sa Din Hai – तो आज Navami Tithi है।
आज किस देवी की पूजा होगी?
नवरात्रि की नवमी को माँ सिद्धिदात्री (Maa Siddhidatri) की पूजा होती है।
- माँ दुर्गा का यह नौवां स्वरूप सभी सिद्धियों और शक्तियों की दात्री मानी जाती हैं।
- भक्त मानते हैं कि माँ सिद्धिदात्री की कृपा से असंभव भी संभव हो जाता है।
- पुराणों के अनुसार, भगवान शिव ने भी इन्हीं की कृपा से अर्धनारीश्वर रूप धारण किया था।
इसलिए नवमी तिथि पर माँ सिद्धिदात्री की विशेष पूजा करने का विधान है।
Navratri Navami Puja Vidhi (नवमी पूजा विधि)
- प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और चौकी पर माँ सिद्धिदात्री की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- कलश स्थापना और दीप प्रज्वलित करें।
- लाल फूल, अक्षत, चंदन, धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित करें।
- माँ सिद्धिदात्री का बीज मंत्र जपें — “ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः”
- हलवा, पूड़ी, काले चने का भोग लगाएँ।
- कन्या पूजन करें — नौ कन्याओं और एक छोटे बालक (लंगूर) को भोजन कराएँ और उन्हें उपहार दें।

शुभ मुहूर्त (Navratri 2025 Navami Muhurat)
- नवमी तिथि प्रारंभ: 30 सितंबर 2025, रात 9:18 बजे से
- नवमी तिथि समाप्त: 1 अक्टूबर 2025, शाम 7:10 बजे तक
- पूजा का श्रेष्ठ समय: सुबह 6 बजे से दोपहर 1 बजे तक
- राहुकाल: दोपहर 12:00 से 1:30 बजे तक (इस दौरान शुभ कार्य न करें)
आज का महत्व
- नवमी तिथि को कन्या पूजन (Kanya Pujan) और अष्टमी नवमी हवन का विशेष महत्व है।
- दक्षिण भारत में इस दिन आयुध पूजा (Ayudha Puja) होती है, जिसमें किताबें, औजार और हथियार पूजे जाते हैं।
- इस दिन माँ की कृपा से सभी मनोकामनाएँ पूरी होने का विश्वास है।
Navratri ka Aaj Kaun Sa Din Hai – FAQs
Q1. Navratri ka Aaj Kaun Sa Din Hai (1 अक्टूबर 2025)?
👉 आज शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि है।
Q2. आज किस देवी की पूजा होती है?
👉 नवमी पर माँ सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।
Q3. कन्या पूजन कब करना चाहिए?
👉 नवमी के दिन सुबह या दोपहर में कन्या पूजन करना श्रेष्ठ माना जाता है।
Q4. दशमी कब है?
👉 1 अक्टूबर की रात 7:10 बजे के बाद दशमी तिथि प्रारंभ हो जाएगी।
Q5. नवमी तिथि का क्या महत्व है?
👉 नवमी तिथि पर देवी की कृपा से भक्तों को सिद्धियाँ, ज्ञान और शक्ति की प्राप्ति होती है।
निष्कर्ष
आज का सबसे बड़ा सवाल था — Navratri ka Aaj Kaun Sa Din Hai। पंचांग और ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 1 अक्टूबर 2025 को शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि है। आज भक्तजन माँ सिद्धिदात्री की पूजा करेंगे, कन्या पूजन और हवन करेंगे। शाम 7:10 बजे के बाद दशमी तिथि प्रारंभ होगी और अगले दिन विजयादशमी (Dussehra) मनाया जाएगा।