Navratri 2025 Day 5: Maa Skandamata Puja, Significance & Rituals :- हिंदू धर्म में नवरात्रि का त्योहार अत्यंत पावन और विशेष माना जाता है। यह पर्व देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना और भक्ति का प्रतीक है। शारदीय नवरात्रि 2025 22 सितंबर से 2 अक्टूबर तक मनाई जा रही है। नौ दिनों तक देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है और हर दिन का अपना एक महत्व है।
नवरात्रि के पांचवें दिन (पंचमी तिथि) माँ स्कन्दमाता की पूजा की जाती है। माँ स्कन्दमाता का स्वरूप मातृत्व, दया और शक्ति का अद्भुत संगम है। उन्हें भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) की माता कहा जाता है।

Maa Skandamata – स्वरूप और विशेषताएँ,Navratri 2025 Day 5
माँ स्कन्दमाता को विशेष रूप से इस प्रकार दर्शाया जाता है:
- वे सिंह पर विराजमान होती हैं, जो साहस और शक्ति का प्रतीक है।
- उनके पास चार भुजाएँ होती हैं।
- दो हाथों में कमल पुष्प, एक हाथ में बालक स्कन्द (कार्तिकेय) और चौथा हाथ अभय मुद्रा में होता है।
- उनके मुखमंडल पर मातृत्व और दया का अद्भुत तेज झलकता है।
माँ स्कन्दमाता को “कमलासन देवी” भी कहा जाता है क्योंकि उन्हें कमल पुष्प पर विराजमान भी दिखाया जाता है। उनके भक्तों को विश्वास है कि उनकी आराधना से घर में सुख-शांति और संतान सुख प्राप्त होता है।
Navratri 2025 Day 5 का शुभ रंग — हरा (Green)
नवरात्रि के प्रत्येक दिन का एक विशेष रंग होता है। पंचमी तिथि यानी पांचवें दिन का शुभ रंग हरा है।
- हरा रंग प्रकृति, समृद्धि, संतुलन और नई शुरुआत का प्रतीक है।
- भक्त इस दिन हरे वस्त्र धारण करके माँ स्कन्दमाता की पूजा करते हैं।
- यह रंग जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और विकास का संकेत देता है।
इस दिन हरे कपड़े पहनने से और पूजा में हरे पत्ते, फूल या वस्त्र चढ़ाने से माँ स्कन्दमाता विशेष प्रसन्न होती हैं।
Navratri 2025 Day 5 Panchami Puja Muhurat
नवरात्रि 2025 के पांचवें दिन पंचमी तिथि और पूजा मुहूर्त इस प्रकार है:
- पंचमी तिथि प्रारंभ: 26 सितंबर 2025, सुबह 9:33 बजे
- पंचमी तिथि समाप्ति: 27 सितंबर 2025, दोपहर 12:03 बजे
- ब्राह्म मुहूर्त: 4:36 AM – 5:24 AM
- अभिजित मुहूर्त: 11:48 AM – 12:36 PM
- विजय मुहूर्त: 2:12 PM – 3:00 PM
इन मुहूर्तों में माँ स्कन्दमाता की पूजा करना अत्यंत फलदायक माना जाता है।

Maa Skandamata Puja Vidhi (पूजा विधि),Navratri 2025 Day 5
माँ स्कन्दमाता की पूजा करने के लिए निम्नलिखित विधि अपनाएँ:
- स्नान व शुद्धि — सुबह स्नान करके हरे या साफ वस्त्र पहनें।
- मूर्ति स्थापना — माँ स्कन्दमाता की मूर्ति या चित्र को पूजास्थल पर स्थापित करें।
- सामग्री तैयार करें — लाल फूल, अक्षत, नारियल, दूध, फल, पान, सुपारी, अगरबत्ती और दीपक।
- दीप व धूप — घी का दीपक जलाकर माता का ध्यान करें।
- मंत्र जाप —
“ॐ देवी स्कन्दमात्रे नमः”
इस मंत्र का 108 बार जप करें। - भोग अर्पण — माता को दूध, फल और मिठाई का भोग लगाएँ।
- आरती — माँ की आरती करें और भक्तों को प्रसाद वितरित करें।
Maa Skandamata Puja Significance (महत्व),Navratri 2025 Day 5
Navratri 2025 Day 5 माँ स्कन्दमाता की पूजा से भक्तों को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं:
- परिवार का कल्याण — घर में शांति और सुख-समृद्धि बनी रहती है।
- संतान प्राप्ति का आशीर्वाद — संतान की इच्छा रखने वाले विवाहित दंपतियों के लिए यह दिन विशेष होता है।
- भय और संकटों का निवारण — माँ की कृपा से जीवन में भय और कष्ट दूर होते हैं।
- आध्यात्मिक लाभ — यह पूजा मन को शांत करती है और आत्मिक उन्नति प्रदान करती है।
- ज्ञान और विवेक — माँ स्कन्दमाता का स्वरूप विशुद्धि चक्र से जुड़ा माना जाता है, जो मानसिक शुद्धि और ज्ञान प्रदान करता है।
Navratri 2025 Day 5 – भक्तों के लिए संदेश
Navratri 2025 Day 5 माँ स्कन्दमाता की पूजा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि आत्मशुद्धि और जीवन की नई शुरुआत का भी प्रतीक है। उनका स्वरूप हमें यह सिखाता है कि परिवार, मातृत्व और करुणा का महत्व सबसे ऊपर है। भक्त जब पूरे मन से उनकी आराधना करते हैं, तो जीवन में सकारात्मकता और संतुलन स्थापित होता है।
FAQs – Navratri 2025 Day 5
Q1. माँ स्कन्दमाता की पूजा कब की जाती है?
➡ नवरात्रि के पांचवें दिन (पंचमी तिथि) पर।
Q2. Navratri Day 5 का शुभ रंग कौन सा है?
➡ हरा (Green)।
Q3. Maa Skandamata का मुख्य मंत्र क्या है?
➡ “ॐ देवी स्कन्दमात्रे नमः”।
Q4. पूजा में क्या भोग अर्पित करना चाहिए?
➡ फल, दूध और मिठाई।
Q5. माँ स्कन्दमाता की पूजा से क्या लाभ होते हैं?
➡ संतान सुख, पारिवारिक कल्याण, भय निवारण और आत्मिक शांति।